Bharti singh weight loss इंटरमिटेंट फास्टिंग अपनाकर 15kg वजन घटाया
![]() |
Bharti singh weight loss |
Intermittent Fasting
इंटरमिटेंट फास्टिंग पिछले कुछ सालों में वजन कम करने का सबसे मशहूर तरीका या तरीका है। आज के दौर में कोई मशहूर हस्ती हो या आम आदमी वजन कम करने के लिए खाने-पीने का यह तरीका अपना रहा है। मशहूर कॉमेडियन भारती सिंह ने भी इंटरमिटेंट फास्टिंग अपनाकर अपना वजन 15 किलो तक कम किया था। तो आज हम जानते हैं। आंतरायिक उपवास क्या है? सही तरीका क्याहै? इसके क्या फायदे और क्या नुकसान है। तो आइए जानते हैं इस लेख में। इंटरमिटेंट उपवास क्या?
आज के समय में सुपर मार्केट, फ्रिज या फिर फास्ट फूड हर जगह मिल जाता है. लेकिन जिससे लोग हमेशा कुछ न कुछ खाते रहते हैं। वह सोने के बाद उठ जाता था। वह अपने नित्य कार्य के बाद सुबह घर पर ही नाश्ता करता था। फिर दोपहर में एक बार लंच और रात को हल्का भोजन करते थे। इस प्रकार वह देर तक खाता रहता।जिससे वह काफी फिट रहते थे और वजन कम करने में भी मदद करते थे। फिलहाल जब वैज्ञानिकों ने खाने के इस पुराने तरीके का अध्ययन किया तो उन्हें पता चला कि यह पैटर्न सबसे हेल्दी तरीके से वजन कम करने के लिए काफी कारगर है।
उपवास कई आध्यात्मिक कारणों से भी किया जाता है, लेकिन कुछ समय से उपवास का उपयोग वजन कम करने के लिए भी किया जाता है। वास्तव में, इंटरमिटेंट फास्टिंग को शरीर के लिए दिन में 3-4 या अधिक भोजन करने से बेहतर दिखाया गया है।
इंटरमिटेंट फास्टिंग या उपवास में स्ट्रिक्ट डाइट की जरूरत नहीं होती. इस खुराक में आप सबकुछ खाकर भी हेल्दी रूप से वजन कम कर सकते हैं. इंटरमिटेंट फास्टिंग खाने का एक तरीका है, जिसमे आप लंबे समय तक किसी भी कैलोरी का सेवन नही करते है।हालाकि इस दौरान पानी, कॉफी और बिना कैलोरी वाली ड्रिंक का सेवन किया जा सकता है. परंतु कोई भी कैलोरी वाली ड्रिंक है, तो उसके सेवन की मनाही होती है।इंटरमिटेंट फास्टिंग को कई तरह से कर सकते हैं. लेकिन सामान्यतः सबसे अधिक लोग इस फास्टिंग के दौरान 16 घंटे का उपवास रखते हैं. उदाहरण के लिए यदि आप रात में 9 बजे खाना खा लेते हैं तो आपको अगले दिन सुबह 1 बजे तक कुछ नहीं खाना है. यानी कि आप 16 घंटे भूखे रहेंगे. इस दौरान आप बिना कैलोरी वाली ड्रिंक ले सकते हैं. इसके बाद दोपहर 1 से रात के 9बजे तक हेल्दी फूड्स का सेवन करें।
इंटरमिटेंट फास्टिंग के फेमस पैटर्न (Famous Patterns of Intermittent Fasting)
टाइम रिस्ट्रिक्टेड फास्टिंग (Time-restricted eating fasting): इस तरीके को समय सीमा के आधार पर बनाया गया है।इस तरीके में रोजाना 12 घंटे से अधिक समय का उपवास रखना होता है. उदाहरण के लिए अधिकतर लोग 16 घंटे फास्ट करते हैं और 8 घंटे के समय में खाते हैं, यह इसी तरीके के अंदर आता है.
5:2 डाइट (5:2 Diet): इस तरीके में आप हफ्ते में 5 दिन तो सामान्य दिनों की तरह भोजन खाते हैं, लेकिन शेष बचे हुए 2 दिनों में 500-600 कैलोरी वाले भोजन का ही सेवन करते हैं.
खाएं, फिर रुकें, खाएं (Eat Stop Eat): इस तरीके में हफ्ते में 1 या 2 दिन की 24 घंटे उपवास करना चाहिए.
अल्टरनेट डे फास्टिंग (Alternate-day fasting): यह उपवास के तरीके में एक दिन छोड़कर उपवास करते हैं.
द वॉरियर डाइट (The warrior diet): इस तरीके में दिनभर कम मात्रा में सब्जीयो और फल का सेवन किया जाता है. इसके बाद रात में सामान्य भोजन किया जाता है.
इंटरमिटेंट फास्टिंग के लाभ (Benefits of intermittent fasting)
विज्ञान के अनुसार, इंटरमिटेंट फास्टिंग के कई लाभ होते हैं. इसलिए विशेषज्ञ भी इस उपवास की सलाह देते हैं. अगर आप भी यह उपवास करते हैं, तो किसी विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें.
- इंटरमिटेंट फास्टिंग मेटाबॉलिक हेल्थ को ठीक करती है. मेटाबॉलिक हेल्थ को बूस्ट करने में मदद करती है, जिससे तेजी से वजन कम होता है.
- इंटरमिटेंट फास्टिंग जीवनशैली को सही विधि से जीने का एक अच्छा तरीका है.
- अध्ययन के अनुसार इंटरमिटेंट फास्टिंग से कैंसर यानी कर्क रोग से लड़ने में भी मदद मिल सकती है.
- इंटरमिटेंट फास्टिंग से इम्यूनिटी बूस्टिगं का काम करती है
- इंटरमिटेंट फास्टिंग से हृदय की सेहत रहती है.
- इंटरमिटेंट फास्टिंग से दिमागी एवं मानसिक सेहत में भी सुधार होता है. इसका कारण है कि यह ब्रेन हार्मोन BDNF को छोडता है.
इंटरमिटेंट फास्टिंग की सही विधि एवं सावधानी (Correct way and precautions of intermittent fasting)
इंटरमिटेंट फास्टिंग का सही तरीका यह है कि आप 16 घंटे की उपवास वाला तरीका अपनाये। इस तरीके को अपनाना सरल होता है. कियूकि आप शाम 7-8 बजे से सुबह 11-12 बजे तक 16 घंटे की उपवास की समय सीमाचुनें.लेकिन इंटरमिटेंट फास्टिंग करते समय ध्यान रखें कि यह सभी के लिए नहीं है. अगर किसी को ईटिंग डिसऑर्डर है तो उसे बिना डॉक्टर की सलाह के इंटरमिटेंट फास्टिंग नहीं करना चाहिए.
कुछ शोधो से पता चलता है कि पुरुषों की तुलना मै महिलाओं को इंटरमिटेंट फास्टिंग के फायदे कम होते हैं. कुछ अध्ययन के अनुसार जिन महिलाओं ने इस फास्टिंग या उपवास को किया था, उनके मासिक चक्र रुक गए थे और वापस से पुराने तरीके से खान-पान करने पर उनके माहवारी चक्र सामान्य हुए थे।
इंटरमिटेंट उपवास के दुष्प्रभाव
जब कोई इंटरमिटेंट फास्टिंग शुरू करता है तो उसे पहले दिन बहुत भूख लगती है, जिससे वह चिड़चिड़ेपन का शिकार हो सकता है।
इंटरमिटेंट फास्टिंग करने वाले लोगों को सिरदर्द, कब्ज, थकान, अनिद्रा जैसी कई समस्याएं हो सकती हैं।
खान-पान का नया तरीका अपनाने में कई दिक्कतें हो सकती हैं, जिन्हें ठीक होने में लंबा समय लग सकता है, इसलिए कड़े उपवास से बचना चाहिए।
0 Comments:
एक टिप्पणी भेजें