Translate

High Blood Pressure in Hindi

High Blood Pressure in Hindi-हाई ब्लड प्रेशर

हाई ब्लड प्रेशर(उच्च रक्तचाप)क्या होता है?

हाई ब्लड प्रेशर (उच्च रक्तचाप) एक साधारण सी बीमारी है।आज हम high blood pressure in hindi आर्टिकल मै जानेगे की उच्च रक्तचाप में आपकी धमनियों में खून का प्रेशर समय के साथ धीरे-धीरे बढ़ता जाता है और इतना अधिक हो जाता है कि  इसकी वजह से सेहत संबंधित समस्याएं होने लगती हैं  हृदय रोग जिसका एक उदाहरण है।
high blood pressure in hind

हाई ब्लड प्रेशर के लक्षण - Symptoms of high blood pressure

 रक्तचाप दो चीज़ों की वजह से होता है -  एक तो हृदय द्वारा पंप किये गए ब्लड की मात्रा और दूसरा धमनियों (आर्टरीज) में रक्त प्रवाह के खिलाफ प्रतिरोध (रेजिस्टेंस) के कारण। इसलिए आपका हृदय जितना ज्यादा खून पंप करता है और आपकी धमनियां जितनी पतली होती हैं, तो ब्लड प्रेशर उतना ही ज्यादा होता है।
रक्तचाप की बार की वर्षो तक बढता रहता है और उसके लक्षण भी पता नही चल पाते।इसलिए ये परिस्थित बेहद घातक साबित होती है।
इसलिए इस बीमारी को अक्सर "साइलेंट किलर"  
के नाम से भी बोला जाता है।
अच्छी बात  यह है कि उच्च रक्तचाप , जिसे मेडिकल भाषा में "हाइपरटेंशन" कहते हैं, को  आसानी से पता किया जा सकता है।जब इस बात  का पता चल जाए कि ब्लड प्रेशर हाई हो रहा है, तो  दवाई और स्वस्थ जीवन शैली,खान-पान से इसे कंट्रोल कर सकते हैं।

अगर रक्तचाप नियंत्रित न रहे और बहुत समय तक बढ़ा रहे तो इसकी वजह से हार्ट अटैक और स्ट्रोक सहित कई गंभीर  समस्याओं का खतरा अधिक हो जाता है।जो जीवन के लिए बेहद घातक हो सकता है।

उच्च रक्तचाप के कारण - Causes of high blood pressure 


उच्च रक्तचाप के कारण क्या हैं?

 High Blood Pressure in hindi मै सरल और सहज रूप से आपके समक्ष जानकारी प्रदान करने का प्रयास है तो जानते है उच्च रक्तचाप को उसके कारणों के आधार पर दो वर्गो  में बांटा गया है - प्राथमिक और द्वितीयक। प्राथमिक हाइपरटेंशन का कारण पता कर पाना ज्ञात नही है जबकि सेकेंडरी हाइपरटेंशन थाइराइड, स्लीप एपनिया जैसे अन्य रोगो  की कारण से होता है। अव्यवस्थित जीवनशैली ब्लड प्रेशर बढ़ने का एक महत्वपूर्ण कारण है।

1. प्राथमिक हाई ब्लड प्रेशर(उच्च रक्तचाप)के कारण: 

अधिकतर मामलों में ब्लड प्रेशर बढ़ने का कारण पता कर पाना संभव नही होता है। इसे प्राइमरी हाई ब्लड प्रेशर कहते है। यह समय के साथ धीरे-धीरे बढता रहता  है। 

2. सेकेंडरी उच्च रक्तचाप के कारण: 

कभी कभी कुछ  रोगियो  को हाई बीपी किसी अन्य बीमारी की वजह से भी हो जाता है। इसलिए इसे सेकेंडरी हाई ब्लड प्रेशर कहा जाता है। कुछ बीमारियां जिसकी वजह से सेकेंडरी हाई ब्लड प्रेशर हो सकता है,  वे इस प्रकार हैं:

ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया

थायराइड की बीमारी

गुर्दे के रोग

विभिन्न दवाएं, जैसे गर्भनिरोधक की गोलियां, जुकाम की दवा, और अत्यधिक दर्द निवारक दवाई 

अवैध  दवाइयाँ या ड्रग्स, जैसे कोकीन, हेरोइन आदि नशीले पदार्थ 

अधिक मात्रा मै शराब पीना ।

 रक्तचाप बढ़ने का खतरा बढ़ाने वाले कारण :

कई  ऐसे कारण हैं जो ब्लड प्रेशर बढ़ने के संभावना को बढ़ा देते हैं। इनमें से कुछ इस प्रकार है:-

 उम्र का बढना- जैसे जैसे आपकी उम्र बढ़ती जाती है उसके  साथ-साथ हाई बीपी होने की संभावना अधिक होती है।

जैनेटिक - यदि आपके परिवार में  माता या पिता को हाई ब्लड प्रेशर है,कभी कभी ये और पैतृक हो तो  भी आपको यह रोग होने की संभावना काफी बढ जाती है

वजन का बढना(मोटापा) - सामान्य वजन वाले व्यक्तियो की अपेक्षा में अधिक वजन वाले या  मोटापे से ग्रसित लोगों में रक्तचाप बढ़ने होने की संभावना ज्यादा होती है।

शारीरिक श्रम न करना - शारीरिक श्रम न करना,व्यायाम आदि न करना साथ-साथ एक गतिहीन दिनचर्या  से भी रक्तचाप  का खतरा बढ़ जाता है

धूम्रपान  - धूम्रपान करने के कारण भी रक्त वाहिकाएं सिकुड़ जाती हैं, जिसके फलस्वरूप ह उच्च रक्तचाप  होता है।अत्यधिक सिगरेट, बीडी,अथवा प्रकार का धूम्रपान करना इसका प्रमुख कारण है।

 अल्कोहल या शराब पीना - जो लोग प्रतिदिन रू शराब पीते हैं उन मै अन्य लोगों की तुलना में सिसटोलिक रक्तचाप अधिक होता है।

अधिक मात्रा नमक खाना - अधिक मात्रा मै नमक खाने वालो की अपेक्षा जो  लोग कम नमक खाते हैं वहाँ रक्तचाप कम होता है।
 आहार फैट का ज्यादा सेवन - सॅचुरेटेड फैट और ट्रांस फैट आपके लिए खराब होती है

मानसिक तनाव अधिक होना - कई वैज्ञानिक अध्ययनों के अनुसार  जो लोग मानसिक तनाव अधिक लेते है उनका रक्तचाप पर गंभीर प्रभाव पड़ता है।

शुगर से पीड़ित व्यक्ति- डायबिटीज के रोगियों को उच्च रक्तचाप  होने का खतरा ज्यादा  होता है, चाहे उन्हें टाइप 1 मधुमेह या टाइप 2 मधुमेह।

गर्भवती महिला - गर्भावस्था  में उच्च रक्तचाप का  होने का भी खतरा  रहता।


हाई ब्लड प्रेशर का इलाज - Treatment of high blood pressure 


हाई बीपी का उपचार कैसे किया जाता है?

कई कारक आपके डॉक्टर को आपके लिए सबसे अच्छा उपचार निर्धारित करने में मदद करते हैं। इन कारकों में शामिल हैं कि आपको किस प्रकार का हाई ब्लड प्रेशर है और उसके होने के कारण क्या हैं।

अगर कारण का पता चला जाता है तो इलाज उस समस्या को ठीक करने पर केंद्रित किया जाता है। उदाहरण के लिए, यदि आपका ब्लड प्रेशर किसी दवा की वजह से बढ़ा है, तो डॉक्टर उस दवा के बदले आपको कोई अन्य दवा दे सकते हैं।

अंतर्निहित कारण के उपचार के बावजूद कभी-कभी हाई ब्लड प्रेशर लगातार बना रहता है। ऐसे में डॉक्टर आपको जीवनशैली में बदलाव लाने ब्लॉकर को कहेंगे और ब्लड प्रेशर कम करने के लिए दवाएं देंगे।

हाई ब्लड प्रेशर की दवा

उच्च रक्तचाप के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाने वाली कुछ दवाओं में शामिल हैं बीटा ब्लॉकर, मूत्र वर्धक दवाएं, एसीई इन्हीबिटर, एंजियोटेंसिन II रिसेप्टर ब्लॉकर्स, कैल्शियम चैनल ब्लॉकर और अल्फा -2 एगोनिस्ट।

जीवनशैली में परिवर्तन

स्वस्थ जीवन शैली में परिवर्तन आपको उन कारकों को नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं जो उच्च रक्तचाप का कारण बनते हैं, जिनमें शामिल हैं:

फिजिकल एक्टिविटी बढ़ाएं - वजन कम करने में मदद करने के आलावा व्यायाम स्वाभाविक रूप से तनाव कम करने, रक्तचाप कम करने और आपके हृदय प्रणाली को मजबूत करने में मदद कर सकता है।

स्वस्थ वजन बनाये रखें - यदि आपका वजन ज्यादा है, तो वजन कम करने से आपका रक्तचाप कम हो सकता है।

तनाव कम करें - व्यायाम, ध्यान, प्राणायाम तनाव को कंट्रोल करने के असरदार तरीके हैं। पर्याप्त नींद लेना भी तनाव कम करने में मदद कर सकता है।

स्वच्छ जीवन शैली अपनाएं - यदि आप धूम्रपान करते हैं तो छोड़ने का प्रयास करें। तम्बाकू रक्त वाहिकाओं की दीवारों को नुकसान पहुंचाता है और उन्हें सख्त बनाता है। यदि आप नियमित रूप से अधिक शराब पीते हैं तो पीना कम करें या पूरी तरह से छोड़ दें। शराब पीने से ब्लड प्रेशर बढ़ता है।

National Center for Biotechnology Information(एनसीबीआई)-की एक रिपोर्ट मै  कहा गया है कि, हाई ब्लड प्रेशर से भारत में लगभग 33 प्रतिशत शहर की आवादी और 25 प्रतिशत ग्रामीण आबादी पीड़ित है, जिसमे चिंता जनक बात ये है कि 25 प्रतिशत ग्रामीण और 45 शहरी अपनी हाई ब्लड प्रेशर की समस्या से अनजान हैं। हाई ब्लड प्रेशर से एक बार पीड़ित हो जाने के बाद व्यक्ति को सारी जिंदगी यानी जब तक जीवित है दवाईयां लेनी होती है परंतु इन दवाइयों  के कारण शरीर पर दुष्प्रभाव भी पड़ते 

17 मई को विश्व उच्च रक्तचाप दिवस (World Hypertension Day) इस मौके पर वेदास क्योर के फाउंडर एंड डायरेक्टर और आयुर्वेद डॉक्टर विकास चावला सभी को उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने और इसके दुष्प्रभाव से बचने के कुछ सरल और सहज आयुर्वेदिक तरीके बताये हैं।जो इस आर्टिकल के माध्यम से मै आपको बता रहा हूॅ। 

अर्जुन के वृक्ष की छाल का उपयोग:-
अर्जुन की छाल का छायाचित्र
अर्जुन की छाल का छायाचित्र 

चुकंदर से उच्च रक्तचाप मै लाभ:-



चुकंदर का छायाचित्र


चुकंदर में  नाइट्रेट, पोटेशियम, फाइटोकेमिकल, और मैग्नीशियम के अलावा और भी उपयोगी मिनरल्स और एंटीऑक्सीडेंट पाये जाते हैं जिससे कारण चुकंदर के सेवन करने से रक्तचाप नियंत्रित रहता हैं। चुकंदर पाए जाने वाला नाइट्रेट हमारे शरीर में जाकर नाइट्रिक ऑक्साइड में परिवर्तित हो जाता है जो खून वाहिकाओं और कोशिकाओं के संचार को बेहतर करने में सहायता करता है। चुकंदर को प्रतिदिन के अपने भोजन में सलाद के रूप में उपयोग कर सकते हैं या इसका रस निकालकर भी सेवन कर सकते हैं।





 त्रिफला उच्च रक्तचाप का इलाज:- त्रिफला शरीर का कायाकल्प करने वाली एक महत्वपूर्ण औषधि है। इसका आयुर्वेद मै बढा महत्व  है यह तीन प्रकार की औषधियों हरड़, आंवला और बहेड़ा का मिश्रण है। यह रक्त के परिसंचरण में सुधार कर रक्त वाहिकाओं पर पड़ने वाले प्रेशर को घटा  देता है। रात को भोजन करने के 2 घंटे बाद एक चम्मच त्रिफला चूर्ण लेना  बहुत  ही लाभकारी होता है।यह रक्तचाप को नियंत्रित करने के अलावा ये हमारे पाचन तंत्र को भी ठीक रखता है।यह बहुत है बढियां चूर्ण है इसके और भी फायदे होते ।

तरबूज के बीज हाई बी पी का उपचार

अगर ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करना चाहते हैं, तो रोज़ाना खाना खाने के बाद 5 से 10 ग्राम तरबूज के बीज अवश्य खा लें। स्टडी में पाया गया है कि तरबूज के बीजों में मौजूद लाइकोपीन कोलेस्ट्रॉल और रक्तचाप को कम करने में मदद कर सकता है। इसके अलावा ये हाई कोलेस्ट्रॉल के स्तर के कारण ऑक्सीडेटिव डेमेज को भी रोकने का काम करता है।


हाई बीपी का आयुर्वेदिक इलाज है नागफनी - Hawthorn for Hypertension 

नागफनी ने ह्दय को मज़बूत व स्वस्थ रखने  और स्वस्थ रक्त प्रवाह को विनियमित करने के अपने गुणो के कारण 'दिल के लिए भोजन' भी कहा जाता है  और इसलिए यह ज्यादातर रूप से  उच्च रक्तचाप सहित हृदय और रक्त वाहिका संबंधी विकार के ईलाज में उपयोग किया जाता हैं।  इसका उपयोग इसके पानी या चाय पीने से रक्तचाप के स्तर को कम करने में सहायता मिलती हैं।


हाई बीपी (उच्च रक्तचाप) का उपचार करें सर्पगंधा से - Sarpagandha for High Blood Pressure 


सर्पगंधा एक बेहतर आयुर्वेदिक जड़ी बूटियो में से एक है जो कि उच्च रक्तचाप के उपचार के लिए दवाई के रूप प्रयोग की जाती है। इसमे रेसेरपीन (reserpine) पाया जाता है जो रक्तचाप के स्तर को घटाने  और रक्त के परिसंचरण को ठीक करने में मदद करता है। अच्छे परिणामों के लिए, इसकी जड़ का पीस कर इसका पेस्ट बना ले और गुलाब जल मै मिलाकर खाएँ। सर्पगंधा एक प्राकृतिक लाभदायक जड़ी बूटी है जो मुख्य तंत्रिका तंत्र को शांत करने और तनाव को कम करने  में एक सहायक के रूप में कार्य करती है। लेकिन इसके कुछ दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं, इसलिए इसे लेने से पहले डॉक्टर से परामर्श अवश्य करें।


उच्च रक्तचाप का इलाज है जटामांसी - Jatamansi for High Blood Pressure i


जटामांसी जड़ी बूटी अधिकांश रूप से तनाव विकारों में प्रयोग की जाती है। यह रक्त परिचालन को सामान्य रखने और स्वस्थ रक्तचाप को बनाए रखने में सहयता करती है। यह किसी भी प्रकार के नुकसान से धमनियों को बचाती  है और धमनियों को कठोर होने से रोकने में सहयता करती है। यह आमतौर पर वात असंतुलन के कारण उत्पन्न उच्च रक्त दबाव के इलाज के लिए प्रयोग की जाती है। 120 mg जटामांसी पाउडर, घी, शहद या पानी के साथ दिन के समय विभाजित मात्रा में लिया जा सकता है। इसका प्रयोग भी चिकित्सक की सलाह से करे।



हाई बीपी (उच्च रक्तचाप) का आयुर्वेदिक उपचार है शंखपुष्पी - Shankhapushpi Benefits for Hypertension 


शंखपुष्पी प्रमुख रूप से एक मस्तिष्क को ठीक करने के स्वास्थ्य टॉनिक के रूप में उपयोग की जाती है, परन्तु यह उच्च रक्तचाप की समस्या के इलाज के लिए भी प्रयोग की जा सकती है। यह शरीर के तनाव हार्मोन को कंट्रोल करती है जो हाई ब्लड प्रेशर के पीछे एक प्रमुख वजह हैं। यह उपयोग के लिए सुरक्षित है और अब तक इसका कोई ज्ञात साइड इफेक्ट नही है।अतः इसका प्रयोग आसानी से किया जा सकता है।

उच्च रक्तचाप का इलाज है तुलसी


तुलसी का प्रयोग ह्दय संबधी समस्याओं को ठीक करने मै लाभदायक साबित होता है। इसके लिए तुलसी और नीम की पत्तियों को बराबर मात्रा में लेकर पीस लें। उसके बाद उसे हल्के गुनगुने पानी के साथ लें। इसे आप सप्ताह में एक बार सुबह खाली पेट लें।इससे हमारे शरीर के रक्तचाप को नियंत्रित करने मै सहयाक है।

उच्च रक्तचाप का इलाज है शहद

ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने के लिए शहद एक गुणकारी और लाभदायक उपाय है। इसके लिए एक गिलास पानी में दो चम्म्च शहद,को आधा चम्मच नींबू का रस के साथ मिलाएं। और इसका सेवन करे।इससे ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में सहायक मिलती है। अगर आप मधुमेह की बीमारी से पीड़ित हैं, तो इस उपाय को करने के लिए डॉक्टरी परामर्श अवश्य है।


Disclaimer:  उक्त लेख में सलाह और सुझाव सिर्फ साधारण जानकारी के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी प्रश्न या समस्या हो तो सदैव पेशवर चिकित्सक से परामर्श लें।





0 Comments:

एक टिप्पणी भेजें